गोड्डा: आने वाले समय में गोड्डा की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी। नव वर्ष में गोड्डा जिले में बडे बदलाव होने वाले है। जिला का धडकन कहे जाने वाला कलेक्ट्रेट पांडुबथान चला जाएगा। करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे कलेक्ट्रेट भवन पूरी तरह से हाईटेक सुविधाओं से लैश होगा। एक ही छत के नीचे सभी सरकारी विभागों का कार्यालय होगा। आम लोगों को इधर से उधर भटकने से निजात मिलेगी। पुराने समाहरणालय भवन में अनुमंडल कार्यालय को शिफ्ट किये जाने की योजना है।
आडाणी से बदलेगी जिले की हालत : जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूरी पर मोतिया गांव में बन रहे आडाणी थर्मल पावर प्लांट से आने वाले दिनों में जिले के हालात बदलेंगे। इस प्लांट को आगामी 2021 तक पूरा होना है। इस प्लांट से 800 का दो प्लांट बनना है इससे उत्पादन होने वाला बिजली बांग्लादेश भेजना है। इस प्लांट का काम काफी तेजी से चल रहा है।
शहरी जलापूर्ति योजना : आने वाले दिनों में 102 करोड़ की शहरी जलापूर्ति योजना धरातल पर उतरना है। यह योजना का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। एक माह के भितर इस योजना से एक लाख वाले शहर की आबादी को पीने का स्वच्छ पानी मिलेगा। इस योजना से पेयजल की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इस योजना के तहत सुंदर जलाशय से पानी आना है। शहर में छह जलमीनार भी बनाए गए है।
बायपास बनने से जाम से मिलेगी मुक्ति : शहर में भीषण जाम की समस्या से भी निजात मिलने जा रही है। आने वाले दिनों में बायपास निर्माण कार्य भी पूरा होने वाला है। इसके तहत पुल का निर्माण भी कराया जा चुका है। बडे वाहनों को शहर से बाहर ही बायपास से होकर गुजरेगी। जिससे शहर में लगने वाला जाम से लोग मुक्ति मिलेगी।
राजमहल परिजना के डीएमएफटी फंड ने बदली तस्वीर : जिले की तस्वीर राजमहल परियोजना के डीएमएफटी फंड से काफी सहयोग मिला है। वर्षों से डीएमएफटी फंड में पडे करोड़ों रूपयों का उपयोग नहीं हो पा रहा था। लेकिन विगत एक वर्ष से इस फंड कू तहत काफी अधिक कार्य हुए है। इसके तहत जिले में 30 चिकित्सक को नौकरी दिया गया है। साथ ही 100 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गयी है। इसके अलावे भी शहर को संवारने में इस फंड की भूमिका काफी अहम है।
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